नर सेवा ही नारायण सेवा है। पीडि़त एवं दु:खी जीव की सेवा करना प्रत्येक मनुष्य का धर्म है। उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए कानपुरी आश्रम माण्डेता के पीठाधीश्वर कानपुरी जी महाराज ने कहा की सेवा करने के लिए जरूरी नहीं की आपके पास रूपये पैसे हो, आप किसी भटके हुए को रास्ता बताकर या दिखाकर भी उसकी सेवा करने का पुण्यलाभ प्राप्त कर सकते हो।
भारत विकास परिषद, डा. विमलेश हैल्थ केयर एण्ड एज्यूकेशनल सोसायटी एवं जिला अंधता निवारण समिति चूरू के संयुक्त तत्वाधान में कस्बे के मूनलाईट सिनेमा हॉल के पास स्थित वृंदावन धाम में रविवार को आयोजित नि:शुल्क लैंस प्रत्यारोपण शिविर के समापन पर लैंस प्रत्यारोपण करवाने वाले रोगियों को प्रवचन देते हुए सोमवार को कानपुरी जी महाराज ने कहा की जिस प्रकार आप किसी के द्वारा शिविर के बारे में बताये जाने पर ही यहां आकर अपना ईलाज करवाकर लाभान्वित हुए है, इसी प्रकार आप भी अपने वार्ड, मौहल्ले और गांव तथा ढ़ाणी में शिविर के बारे में अपने अनुभवों को बताते हुए पीडि़तजनों को यहां आकर शिविर का लाभ लेने के लिए प्रेरित कीजिए, यह भी एक सेवा है, जिसका पुण्यफल आपको प्राप्त होगा।
इस अवसर पर समाजसेवी देवीदत काछवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में गाड़ोदिया आदर्श विद्या मन्दिर के प्राचार्य जितेन्द्रसिंह भदौरिया, सीताराम रिणवा, सेवानिवृत प्राचार्य शंकरलाल गोयनका, हनुमानमल प्रजापत आदि मंचासीन थे। शिविर के समापन कार्यक्रम में लैंस प्रत्यारोपण करवाने वाले 70 रोगियों को एक -एक कम्बल, चार लड्डू व नगद राशि अतिथियों द्वारा भेंट की गई। कार्यक्रम के आरम्भ होने से पूर्व शिविर स्थल पर कानपुरी जी महाराज के सानिध्य में भजनों की सुरसरिता बही। शिविर व कार्यक्रम को सफल बनाने में गोपाल प्रजापत, शंकरलाल गोयनका, प्रेम जोशी, आलोक शर्मा, सत्यनारायण मोदी, अंकीत प्रजापत, मालाराम प्रजापत, विष्णु जांगीड़, रामचन्द्र खत्री, राजेन्द्र खत्री, रामनिवास प्रजापत, सुरेश अरोड़ा ने अपनी सेवायें दी।