राष्ट्रीय संत गणाचार्य 108 श्री विराग सागर महाराज की शिष्या 105 आर्यिका विदूषीश्री माताजी के सानिध्य में स्थानीय दिगम्बर जैन नर्सियां में विभिन्न धार्मिक आयोजन सम्पन्न हुए। सामाजिक कार्यकर्ता तपन जैन ने बताया की लाडनूं बस स्टैण्ड स्थित नर्सियां के शान्ति हॉल में विश्व शान्ति विधान एवं भगवान शान्तिनाथ का जलाभिषेक एवं महाशान्ति धारा की गई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्वप्रथम राष्ट्रीय सन्त गणाचार्य 108 श्रीविराग सागर महाराज की प्रतिमा के समक्ष डा. योगेश जैन द्वारा दीप प्रज्जवल्लन किया गया। तत्पश्चात विधान मंगल कलश की स्थापना अशोक कुमार बिनायक्या एवं संगीता देवी के द्वारा की गई। जैन समाज के मंत्री पारसमल बगड़ा ने 1008 भगवान पाश्र्वनाथ, शान्तिनाथ व अजितनाथ का जलाभिषेक किया गया। कलकता प्रवासी संजय कुमार छाबड़ा एवं मनीष कुमार बिनायक्या ने भगवान की शान्तिधारा की तथा सम्पूर्ण विश्व में सुख, समृद्धि एवं शान्ति की कामना की।
शान्ति धारा के पश्चात विधान में उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा नवग्रह पूजन एवं भगवान शान्तिनाथ का अष्टद्रव्य से पूजन किया गया। जैन समाज के वयोवृद्ध कार्यकर्ता सोहनलाल बगड़ा ने सपत्निक आचार्य विराग सागर महाराज का अष्ट द्रव्य से पूजन किया। कार्यक्रम में आर्यिका विदूषीश्री माता जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए श्रद्धा युक्त भक्ति केबारे में बताते हुए कहा की श्रद्धा के साथ भक्ति की जावे तो मनुष्य इस संसार में सभी प्रकार के भौतिक सुखों के साथ-साथ भव सागर से भी तर जाता है।
आर्यिका श्री ने कहा की अगर मानव भगवान की भक्ति श्रद्धा आडम्बर युक्त है तो वह न केवल इस संसार में ही दु:ख नहीं पाता, वरन आगे भी नरक का भागी बनता है। कार्यक्रम का समापन पर भगवान शान्तिनाथ की महाआरती द्वारा किया गया। इस अवसर पर पण्डित सुरेन्द्र जोशी, डा. श्वेता जैन, संचार दूत के सम्पादक सन्तोष बगड़ा, मोहनलाल बगड़ा, अहिंसा परिषद के अध्यक्ष नीलम गंगवाल आदि ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया।