मातमी पर्व मोहर्रम से पूर्व शनिवार की रात कस्बे में विभिन्न अखाड़ों द्वारा मातमी धुनों के साथ सद्दा आलम (पंजे) को जुलूस मुस्लिम समुदाय द्वारा बड़ी अकीदत के साथ ढ़ोल-ताशे बजाते हुए निकाला गया।
हजरत के समय युद्ध से पूर्व झण्डा निकालने के परम्परा का निर्वाह करते हुए कस्बे के निवारिया, तैलियान और काजियान अखाड़ों से पंजो का जुलूस मुख्य बाजारों से होते हुए स्टेशन रोड़ स्थित अखाड़ा बिसायतियान पंहूचा, जहां से वापस सभी अपने-अपने अखाड़ों में लौट गये।