परम पूज्य राष्ट्रीय संत आचार्य 108 विराग सागर जी महाराज की शिष्या आर्यिका 105 विदूषी श्री माता जी के सुजानगढ़ आगमन पर दिगम्बर जैन मन्दिर में अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बुधवार को आर्यिका माताजी के सानिध्य में ब्रह्ममुर्हुत में सम्पूर्ण विश्व में शान्ति एवं सुख-समृद्धि हेतू भगवान शांतिनाथ का जलाभिषेक एवं महाशान्ति धारा कर भगवान का पूर्ण भक्ति के साथ पूजन किया गया। अहिंसा परिषद के तपन जैन ने बताया कि दोपहर में आर्यिका जी ने मेरी भावना पर मंगल प्रवचन दिया। प्रवचन के पूर्व कुचामन कि बालिका अपूर्वा द्वारा मंगलाचरण किया गया।
आर्यिका जी ने जीवन में भावना का महत्व बताते हुए कहा कि अगर मानव अपने मन कि भावना कि शुद्धि कर ले तो वो अपनी आत्मा को परामात्मा बना सकता है। तत्पश्चात आर्यिका श्री जी द्वारा आनन्द यात्रा प्रारम्भ की गई। जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं ने आनन्द का अनुभव किया। कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष दानमल सौगानी, मंत्री पारसमल बगड़ा, सुरभी जैन, नीतू जैन, मीतेश सेठी आदि ने भाग लिया।
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