विवाह के समय वरमाला वधु को पहनाने से पूर्व जायलो कार व दिल्ली में फ्लैट की मांग करने वाले दहेज लोभी पिता-पुत्र को रिमाण्ड अवधि पूरी होने पर आज न्यायालय में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने दोनो के जमानत आवेदन खारिज कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के आदेश दिये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बे के हुलासचन्द दिनोदिया की पौत्री सोनू से शादी करने के लिए बारात लेकर दिल्ली से आये दुल्हे जुगलकीशोर और उसके पिता बजरंगलाल द्वारा वरमाला से पहले जायलो कार व दिल्ली में फ्लैट की मांग करने और मांग की पूर्ति नहीं होने पर दुल्हे द्वारा स्टेज छोडक़र भागने के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये पिता-पुत्र को शनिवार को एसीजेएम विश्वबंधु की अदालत में पेश किया गया।
जहां आरोपी पक्ष के अधिवक्ता व सरकारी वकील की दलीलों को सुनने के बाद एसीजेएम विश्वबंधु ने गम्भीर टिप्पणी करते हुए आरोपी पक्ष के अधिवक्ता की इस दलील इस मामले में उम्र कैद या मृत्युदण्ड का प्रावधान नहीं है, इसलिए आरोपियों के जमानत आवेदन को स्वीकार किया जाना चाहिए, से असहमती जताते हुए कहा की किसी भी जमानत प्रार्थनापत्र का निस्तारण करते समय उसमें आरोपी पर लगी धाराओं के आधार पर सजा पर विचार नहीं करते हुए उसके समाज व राष्ट्र पर पडऩे वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए विचार किया जाना चाहिए।
एसीजेम ने कहा की आरोपियों द्वारा किये गये कत्य ने समाज में दहेज रूपी ज्वलंत समस्या के अस्तित्व का अहसास करवाया है, वहीं दूसरी ओर समाज के प्रत्येक वर्ग को इस समस्या पर मनन एवं मंथन करने के लिए झकझोरा है। एसीजेएम विश्वबंधु ने आरोपियों के अपराध को दुस्साहसपूर्ण घृणित एवं गंभीर अपराध मानते हुए और इसकी गम्भीरता को देखते हुए समाज व राष्ट्र पर पडऩे वाले दूरगामी प्रभावों के ध्यान में रखते हुए दोनो आरोपियों की जमानत खारिज कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के आदेश दिये।