सुजानगढ़ में 12 नवम्बर 2011 को रात 9 बजे से दी यंग्स क्लब ट्रस्ट सभागार लाडनूं बस स्टैंड में कवि सम्मेलन शुरू हुआ । सम्मेलन मरूदेश संस्थान,सुजानगढ़ और राजस्थानी भाषा, साहित्य व संस्कृति अकादमी,बीकानेर और श्री बालाजी नर्सिंग इंस्टीटयूट, श्री बालाजी नर्सिंग कालेज सुजानगढ़ के सहयोग से करवाया गया हैं।
सम्मेलन का संचालन नवलगढ़ के हरीश हिन्दुस्तानी ने किया । मास्टर भंवरलाल और पंचायत के पूर्व प्रधान पुसाराम गोदारा ने महाकवि पदमश्री कन्हेयालाल जी सेठिया की प्रतिमा के सामने दीप प्रेजव्लित किया । कविता किरण ने माँ सरस्वती की वंदना कर कवि सम्मेलन का सुभारम्भ किया । उसके बाद कवि माधव दरक, कुभ्लगढ़ के हास्ये कवि ने आज की शिक्षा पर कटाव किया ।
उसके बाद गोरस प्रचंड ने मंगल पांडे पर कविता कर पण्डाल में जोश भर दिया उसके बाद जयपुर के भंवरजी भंवर ने राजस्थानी विरहन की कविता कर पण्डाल को हास्येम्ये कर दिया । ताऊ शेखावाटी, सवाई माधोपुर के कवि ने हास्ये के छोटे छोटे छंद कह कर पण्डाल ओ लोट पोट कर दिया । कविता किरण ने वृदाआश्रम क्यों खुलरहे ह इसपे एक कटाव किया । सम्मेलन का पहला दोर रात्री 1 बजे खत्म हुआ कवि सम्मेलन का समापन रात्री के 2 बजे हुआ ।