सत्कार्य ही मुक्ति का द्वार – बजरंग महाराज

Bhagwat Katha

सारोठिया गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को काफी भीड़ रही। प्रवचन के दौरान प्रस्तुत गीत-संगीत के दौरान श्रद्धालु महिलाऐं भी नाचने लगी। कथावाचक संत बजरंगलाल ने कहा कि व्यक्ति ने संस्कार में आकर सभी प्रकार के सुख-दुख की दवा पी ली लेकिन भागवत रूपी मीठे फल का स्वाद का अनुभव नहीं करते, इस कारण संसार में दुख ओर क्लेश बढ़ते जा रहे है।

उन्होंने कहा कि सत्कार्य ही मुक्ति का द्वार है इसलिए व्यक्ति को हमेशा अच्छे व जनकल्याण के कार्य करते रहना चाहिए। मुख्य यजमान के रूप में सत्यनारायण तावणियां-जसोदादेवी मौजूद थे। कथावाचक का आयोजन समिति के रामावतार, बनवारीलाल ने पुष्पमाला से स्वागत किया। आसपास के एक दर्जन गांवो के श्रद्धालुओ के लिए बसो की व्यवस्था की गई है। उधर एनके लोहिया स्टेडियम में आयोजित शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के चौथे दिन सोमवार को कथावाचक राधेश्याम शास्त्री ने शिव प्राकट्य, सती चरित्र, दक्ष-यज्ञ, कुबेर चरित्र के बारे में विस्तारपूर्वक कथा सुनाई।

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