1857 की क्रान्ति के नायक धनसिंह गुर्जर और पन्ना धाय को किया याद

पथिक सेना संगठन कार्यालय में 1857 की क्रान्ति के अमर शहीदों तथा क्रान्ति के प्रमुख नायक कोतवाल धनसिंह गुर्जर को याद किया गया। वक्ताओं ने 10 मई 1857 को प्रारम्भ हुई क्रांति का इतिहास और नायक मेरठ कोतवाल धनसिंह गुर्जर का इतिहास पुन: लिखने की मांग की। वही धनसिंह को देश मे पूरा सम्मान उनके नाम से सरकारी उपक्रम, स्मारक ओर सरकारी पाठ्यक्रम में उनके कृतित्व को समिलित करने की मांग की गई।

उनके गांव पांचली जिसको अंग्रेजो ने घेर कर जल दिया था, को और मेरठ जेल पर बड़े स्मारक ओर म्यूजियम बनाने की मांग की गई। पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल ने कहा कि 1857 की क्रांति का हकीकत इतिहास दबा पड़ा है। वही मदर्स डे पर महाबलिदानी गुर्जरी पन्ना धाय का जिक्र करते हुए कहा कि बेटे का बलिदान दे कर उदयसिंह की रक्षा करने वाली यदि पन्ना द्याय नही होती तो न उदयपुर मेवाड़ और प्रताप न होते। उनका बलिदान का विश्व सानी है पर उनको भी वो सम्मान नही मिला, जो मिलना चाहिए।

ये घोर दुर्भाग्य है आजादी बाद इतिहास सक्षम और सक्रिय लोगो का लिखा गया ओर असली त्याग बलिदान को भुलाया गया। कार्यक्रम में हरियाणा केडर की आईएएस रानी नागर के साथ दुर्व्यवहार ओर भेदभाव, श्रीडूंगरगढ़ में साजिशवश कानून हाथ में ले कर तोड़े गए देवनारायण मन्दिर, मालपुरा दुष्कर्म की घटना पर वक्ताओं व उपश्थित लोगो ने भारी आक्रोश जताया। पोसवाल ने कहा कि गुर्जर समाज को सरकारें आंदोलन और लोक डाउन तोडऩे हेतु उद्देलित कर रही है उनकी समाज की आस्था और स्वाभिमान को ललकारा जा रहा है। न उनकी भारतीय प्रशासनिक सेवा कर रही बेटियां सुरक्षित है और न गांव की अबलायें।

आवाज उठाने वालों पर मुकदमे दर्ज हो रहे है वही चार चार दरिंदो से दुष्कर्म की शिकार बालिका के न्याय पर मुख्यमंत्री चुप है। 3 दिन बाद दबाव सफल नही होने पर एफआईआर लिखी गयी। देश भर के समाज में भारी आक्रोश के सब्र का बांध टूट कर कानून हाथ में ले सकता है। पोसवाल ने तत्काल दोषी पुलिस कर्मियों को हटाने, पीडि़त बच्ची को सहायता प्रोटेक्शन देने व प्रकरण की न्यायिक या एडीजी स्तर के अधिकारी से जांच करवाने की मांग करते हुए सीएम ओर डिप्टी सीएम से पीडि़त परिवार से मिलकर सहयोग और समीक्षा की मांग की है।

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