
उदयपुर की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सुजानगढ़ मूल के एक कैदी ने फंासी लगाकर आत्महत्या कर ली। कैदी रामनिवास (40) पुत्र भंवरलाल गुर्जर निवासी नया बास पर अपनी दो वर्षीय पुत्री की हत्या का आरोप था। जानकारी के अनुसार अक्टूबर 2015 में रामनिवास की पत्नी हेमलता ने पुलिस को इस आशय की रिपोर्ट दी थी कि उसका पति उस पर शक करता था और दिनांक 13 अक्टूबर 2015 को दो वर्षीय पुत्री ध्रुवी को रामनिवास घुमाने के बहाने घर से बाहर ले गया। बाद में लोगों ने हेमलता को बताया कि तुम्हारी पुत्री की मौत हो चुकी है।
जिस पर रामनिवास के विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया और गला घोंटकर हत्या करना पाया गया। उदयपुर जेल के उप अधीक्षक मानसिंह ने बताया कि इस मामले में उदयपुर के एडीजे कोर्ट संख्या 4 के न्यायाधीश धीरज शर्मा ने आरोपी रामनिवास को हत्या का दोषसिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास की गुरूवार को ही सुनाई थी। शुक्रवार की शाम को बैरक में कैदियों की गिनती में एक व्यक्ति कम होने पर ईधर-उधर तलाश की गई। जिस पर शौचालय में रामनिवास गुर्जर का शव लटकता मिला।
रामनिवास ने ओढऩे के काम आने वाली चद्दर से आत्महत्या कर लेने की जानकारी जेल अधीक्षक ने सुजानगढ़ पुलिस को दी। जिस पर सुजानगढ़ पुलिस ने पार्षद की सहायता से मृतक के रिश्तेदारों को सूचना देने की कोशिश की। लेकिन कोई नजदीकी रिश्तेदार नहीं मिलने के चलते पुलिस ने वापस रिपोर्ट उदयपुर भेज दी गई है।