सुख की खोज दुनिया में नहीं अपने अन्दर करें – ब्र.कु. पूनम

Goodbye tension

प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज एवं माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित दस दिवसीय अलविदा तनाव अनुभुति कार्यक्रम के प्रथम दिवस का शुभारम्भ शिक्षाविद् सन्तोष व्यास, माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट की प्रबन्धक सविता राठी, बी.के. सुप्रभा, दीनदयाल तापड़िया, कानुपरी जी महाराज, हाजी शम्सूद्दीन स्नेही, कमला डोसी द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। शिविर में इन्दौर से आई हुई ब्र.कु. पूनम बहन ने राजयोग द्वारा तनाव मुक्ति तथा डायबिटिज, ह्रदयाघात जैसी बिमारियों से निजात पाने की सरल विधि में तीन बातें बताते हुए कहा कि आज व्यक्ति जीवन मूल्यों को भूलकर पद, धन, साधन व पदार्थों में सुख-शांति की खोज करता है।

जबकि शांति को पैसों से खरीदना असंभव है, सुख की खोज दुनिया में नहीं अपने अन्दर करनी चाहिये। उन्होने बताया कि तनाव के कारण ह्रदय की नाड़िया संकुचित हो जाती है, जिससे एड्रीनल हार्मोन की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है। कार्यक्रम में 510 लोग शामिल हुए। बालकिशन ने बताया कि शिविर में 4000 ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। कानपुरी जी महाराज ने कहा कि शहरवासियों द्वारा किये गये पुण्य के फलस्वरूप इस प्रकार का आयोजन हो रहा है।

आज के भागदौड़ भरे जीवन में शांति की चाहत सभी को है, क्योंकि मनुष्य अपना मूल स्वरूप खोकर जीवन को उलझाहट भरा बना चूका है। प्रभु से निकटता को सुख शांति का उपाय बताते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनो का जनता को अधिक से अधिक लाभ लेकर ईर्ष्या जैसे दुर्गुणों का त्याग करना चाहिये। कार्यक्रम का संचालन ब्र.कु. सुमन बहन ने किया। ब्र.कु. सन्तोष बहन द्वारा स्वागत एवं माल्यार्पण किया गया। इससे पूर्व मेहमानो का तिलक लगाकर स्वागत ब्र.कु. सुप्रभा बहन द्वारा किया गया।

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