एसडीएम ने की किसानों व आला अधिकारियों से की वार्ता

Farmers

क्रय विक्रय सहकारी समिति द्वारा करीब चार माह पहले किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई मूंगफली के रिकार्ड में भारी अनियमितता के चलते लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी किसानों को उनकी उपज का भुगतान नहीं किया जा सका। वहीं दूसरी ओर भुगतान की मांग को लेकर सोमवार को दिन भर सैंकड़ों किसानों का खरीद केंद्र पर जमावड़ा लगा रहा। हालात की गंभीरता को देखते हुए उपखंड अधिकारी फतेह मोहम्मद खान ने मौके पर पहुंचकर किसानों के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता की।

परंतु किसानों ने बातचीत करने से इनकार करते हुए केवल अपनी उपज के भुगतान की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। इस मामले को लेकर एसडीएम ने बताया कि रिकार्ड में हेराफेरी के चलते भुगतान में विलंब हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर उच्चाधिकारियों वार्ता कर समाधान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। एसडीएम के अनुसार मामले के बारे में कलेक्टर को भी अवगत करवाया जाएगा। वहीं किसानों का आरोप है कि सरकारी रिकार्ड में हेराफेरी कर करीब पांच हजार मूंगफली की बोरियों का गबन करने के आरोपी पूर्व मुख्य व्यवस्थापक राजेश खीचड़ को प्रशासन बचाने में लगा हुआ है। जिसके चलते गरीब किसान अपनी उपज के भुगतान के लिए गत चार माह से दर – दर भटक रहे हैं।

किसानों के प्रतिनिधि के रूप में आंदोलन में शामिल जिप सदस्य पूसासम गोदारा ने बताया कि जब तक किसानों का भुगतान नहीं होगा तब तक केवीएसएस खरीद केंद्र के सभी काम ठप्प कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन से मांग की गई है कि पूर्व व्यवस्थापक के निर्देश पर किसानों को भुगतान करना न्याय संगत नहीं है क्योंकि वे इस मामले में स्वयं दोषी हैं। उन्होंने कहा कि विक्रय पर्चीयों व मूल रिकार्ड के आधार पर भुगतान किया जाए। गौरतलब है कि रिकार्ड में भारी अनियमितता के चलते करीब डेढ़ माह से मूंगफली खरीद की राशि सरकार की ओर से भिजवाए जाने के बाद भी केवीएसएस प्रशासन भुगतान नहीं कर पा रहा है। जिसके चलते किसानों से खरीदी गई मूंगफली के 23 करोड़ 17 लाख रुपए का भुगतान अटका पड़ा है। इस दौरान कृषि मंडी चेयरमैन प्रतिनिधि भंवरलाल ढ़ाका व पंस सदस्य सोहनराम लोहमरोड़, सहित कई काश्तकार मौजूद थे।

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