भगवान की गरूड़ वाहन सवारी के नगर भ्रमण के साथ ही वेंकटेश्वर मन्दिर में आयोजित ब्रह्मोत्सव का समापन हो गया। रविवार दोपहर को भगवान की गरूड़ वाहन सवारी वेंकटेश्वर मन्दिर से रवाना होकर कस्बे के प्रमुख मार्गों से होते मन्दिर पंहूचकर जुलूस सम्पन्न हो गया। जुलुस में धर्म ध्वजा लिये ऊंट सवार एवं घुड़सवार आगे चल रहे थे। उनके पीछे बच्चे चल रहे थे तथा उनके पीछे सिर पर कलश धारण किये महिलायें हरिकीर्तन करते हुए चल रही थी।
जुलूस में मन्दिर के ट्रस्टी अविनाश जाजोदिया सपत्निक ध्वज दण्ड लिये हुए चल रहे थे। शोभायात्रा में शिव पार्वती गणेश, वेंकटेश्वर भगवान, पदमावती जी व गोदाम्बाजी तथा कृष्ण राधा सहित अनेक झांकियां सजाई गई। वेंकटेश्वर फाउण्डेशन की मैनेजिंग ट्रस्टी मंजूदेवी जाजोदिया ने बताया कि ब्रह्मोत्सव के दौरान अनुज्ञा, मुक्तिा संग्रहण, अंकुरारोपण, विष्वसेन पूजा, वेद प्रबन्ध पाठ, प्रारम्भ पूजा, प्रात:पूजा, रक्षा बंधन, हवन, ध्वजारोहण, उत्सव, तिरूमंजन (अभिषेक), वेद पाठ, भोग, भेरी पूजा, कुम्भ स्थापना, यज्ञशाला होम, सवारी, पाठ, भोग, आरती एवं गोष्ठी, चूर्णाभिषेक (अभिषेक), पाठ, भोग, आरती, पूजा, सवारी, पाठ, भोग, आरती, प्रात: पूजा, हवन, पाठ, उत्सव, भोग, तोट्टी तिरूमंजन (पूष्करनी स्नान), पूजा, हवन, उत्सव, पाठ, भोग, आरती, गोष्ठी, प्रात: पूजा (अभिषेक), हवन, पाठ, उत्सव, भोग, आरती, दोपहर में हवन, पाठ, उत्सव एवं गोष्ठी आदि धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न हुए।
श्रीमती जाजोदिया ने बताया कि ब्रह्मोत्सव में कल्याणोत्सव (भगवान का विवाह) मनाया गया। ब्रह्मोत्सव के दौरान वृंदावन के कलाकारों द्वारा रासलीला का मंचन किया गया, वहीं प्रसिद्ध बॉलीवुड गायिका पिनाज इसरानी ने सुमधुर भजन की प्रस्तुतियों सेे श्रोताओं को बांधे रखा। कार्यक्रम में सामोत्री मल्होत्रा ने भगवान के रक्षा बंधन बांधा। दक्षिण भारतीय विद्वान पं. कृष्ण कुमार भट्टर के आचार्यत्व में 18 वेदपाठी विद्वान पंडितजनों ने ब्रह्मोत्सव में आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न करवाया। आयोजन को सफल बनाने में व्यवस्थापक मोहनसिंह राठौड़, कमल कुमार, नथमल शर्मा सहित समस्त कर्मचारी जुटे हुए थे।