
एक ओर राज्य सरकार जननी सुरक्षा योजना सहित अनेक योजनाओं के द्वारा प्रसुताओं के स्वास्थ्य की देखभाल करने का दावा कर वाह-वाही लुटी जा रही है, वहीं दूसरी ओर अंचल के सबसे बड़े राजकीय बगडिय़ा चिकित्सालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दावों की महिला चिकित्सक द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
घर में अप्रशिक्षित के स्थान पर अस्पताल में पशिक्षित स्टाफ के द्वारा प्रसव करवाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के द्वारा प्रेरित कर रही है, उसकी बानगी ये है कि चिकित्सालय में प्रसव के लिए भर्ती प्रसुता का जहां एक ओर घरेलू महिलायें प्रसव करवा रही थी, वहीं दूसरी ओर महिला चिकित्सक व डयूटी पर कार्यरत नर्स ने प्रसव में देरी होने का कहते हुए उसी समय प्रसव कराने से इंकार कर सरकार के दावों की बखियां उधेड़ कर रख दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार नीतू पत्नि देवाराम ढ़ोली पुत्री भगवानाराम ढ़ोली निवासी हनुमान धोरा सुजानगढ़ प्रसव के लिए बगडिय़ा चिकित्सालय में भर्ती थी।
प्रसूता का विगत तीन-चार महीनो से डा. जाटोलिया के द्वारा उपचार किया जा रहा था। रविवार सुबह करीब 6 बजे प्रसुता को दर्द शुरू होने पर परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात नर्स सुमन रणवां तथा चिकित्सक डा. जाटोलिया को इसके बारे में जानकारी दी। लेकिन नर्स सुमन रणवां ने प्रसव में देरी होने का बहाना बनाकर इसे नजर अंदाज कर दिया। वहीं दूसरी ओर लेबर रूम के फर्श पर प्रसूता की मां सन्तोष, लुहारां निवासी गुलाबदेवी, घण्टियाल निवासी विमलादेवी, आबसर निवासी बरजीदेवी ने प्रसव करवाया। जबकि प्रसुता का पिता भगवानाराम चिकित्सक जाटोलिया के आगे प्रसव कराने के लिए गिड़गिड़ा रहा था। भगवानाराम का आरोप है कि चिकित्सक ने गालियां निकालते हुए उस पर चप्पलें फेंकी, वहीं दूसरी ओर चिकित्सक जाटोलिया ने भगवानाराम पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है।
सूचना मिलने पर मौके पर पंहूचे पूर्व विधायक रामेश्वर भाटी व सीआई प्रहलाद राय ने समझाईश क मामले को शांत किया। पूर्व विधायक की मांग पर अस्पताल प्रशासन ने इस प्रकार की घटना की पुनरावृति नहीं होने का आश्वासन दिया। अस्पताल के सूत्रो के अनुसार लेबर रूम का चार्ज पुराने अनुभवी नर्सिंग स्टाफ से लेकर नये अनुभवहीन स्टाफ को देने से ये घटना हुई है। नया स्टाफ पुराने व अनुभवी नर्सिंग स्टाफ को दरकिनार करने में लगा हुआ है, ऐसा सूत्र बताते हैं।
पीएमओ डा. सी.आर. सेठिया ने बताया कि लेबर रूम में प्रसुता के टीका लगाने के बाद उसके परिजन उसे लेबर रूम से बाहर ले आये और उसे नागौर ले जाने की बात करने लगे तथा एम्बूलैंस की मांग करने लगे, तब हमने कहा कि हम यहां से सीकर के लिए रैफर किया जा सकता है, नागौर के लिए आपको ही अपना वाहन लाना होगा। इसी दौरान लेबर रूम के बाहर बिस्तर पर प्रसव हो गया। प्रसव के बाद नाल काटने आदि सारे कार्य ड्यूटी पर कार्यरत नर्स ने किये हैं। सीएमएचओ डा. अजय चौधरी ने बताया कि उनके पास किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं आई है।