सुजानगढ़ के एक उच्च प्राथमिक विधालय हैं जिसके 3 रास्ते होते हुए स्कूली बच्चों का निकलना दुश्वार हो रहा हैं । वाहन सवार लोगो का निकलना तो दूर पैदल चलने वालो का भी निकलना दुश्वार हो रहा हैं क्योकिं तीनों रास्तों में गन्दा पानी भरा हुआ हैं । गाँधी बस्ती में स्थित सूर्ये भगवान् मंदिर के सामने वाली सड़क मार्ग की बात कर रहे ह जो की कई वार्डो को जोड़ने का मुख्य मार्ग हैं । नगर पालिका के द्वारा गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण नहीं होने के कारण घरों से जो गन्दा पानी निकलता हैं वो सड़कों पर ठहर जाता हैं। बताया जाता हैं की चंद लोगो की मूंछ की लड़ाई एक परिवार और विधालय के बच्चों को बहरी पड़ रही हैं इसी कारण आज तक नाली नहीं बनी हैं जिसके कारण गंदे पानी का निकासी नहीं होने से स्कूली बच्चों और एक परिवार को गन्दगी में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं ।
नगर पालिका की कार्य नहीं करने की नियति और कुछ लोगो की जिद ने विधालय से लगने वाले तीनो रास्तों को गंदे पानी के नालो में परिवर्तित कर दिया हैं । न्यायालय के आदेश पर कुछ समय पहले सड़क के बीचोंबीच एक चेम्बर का निर्माण करवाया गया था उसकी भी सफाई नहीं होने से चेम्बर भी भर गया हैं और अब तो गंदे पानी के बिच उसको पहचानना भी मुश्किल हैं । एसे में स्कुल आने जाने वाले बच्चे उस चेम्बर में गिर कर चोटिल हो सकते हैं। एसा नहीं की विधालय के द्वारा कुछ नहीं किया गया हो उन्होंने बार बार नगर पालिका को लिखित में शिकायत की हैं फिर भी नगर पालिका के द्वारा कुछ कार्य नहीं किया गया हैं सड़क के हालत जैसे के तैसे हैं। अब पता नहीं नगर पालिका की आखिर क्या मज़बूरी हैं , जो इस रास्ते पर न तो सफाई करा रही हैं और न ही नालों को निर्माण करा रही हैं । रास्तों पर लम्बे समय से गंदे पानी के पड़े रहने से मच्छरों का प्रकोप हैं , जिसके कारण कई मछर जनित बिमारियों को बढ़ावा मिल रहा हैं । समय समय पर महोल्ये वासियों के द्वारा की गई शिकायेतों में साफ उल्लेख हैं की चंद लोगो ने रास्ते में मलबा और पत्थर डालकर रास्ते को अवरुद किया हैं ,लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष, अधिशाषी अधिकारी द्वारा मोका देखे जाने के बाद भी रास्ता अवरुद करने वाले लोगो के खिलाफ कार्य वही की गई हैं न ही रास्ते को खुलवाने के लिए कोई कार्य वही की गई हैं । इसी रास्ते पर विधालय के एकदम पास शिव मंदिर भी हैं तो एक और सूर्य भगवन का मंदिर भी हैं ।
दोनों मंदिरों में जाने वाले श्रद्धालु किस तरह एस रास्ते को पार करे की साफ सुथरे मंदिर पहुँच जाये । महोल्ये के बुद्धि प्रकाश प्रजापत ,रामनिवास प्रजापत , ज्ञानचंद प्रजापत ,फूलचंद प्रजापत , नवरतन प्रजापत, लक्ष्मी प्रजापत, राकेश प्रजापत, चन्द्र प्रकाश प्रजापत ने जुलाई माह में कई बार उपखंड अधिकारी , तहसीलदार, अधिशाषी अधिकारी, जिला कलेक्टर चुरू को पत्र प्रेषित कर समस्या का समाधान करने व् गंदे पानी की निकासी की मांग करने के साथ मोहल्ले के मूलचंद सांखला, पृथ्वी राज सांखला, टीकाचंद माली , राजकुमार माली पर रास्ते पर कब्जा करने तथा लोगो को तंग परेशान करने की नियत से रास्ते में 4 -5 ट्राली मलबा , मिट्टी एवं कचरा डलवाने का आरोप अपने पत्र में लगाया हैं । फिर भी नगर पालिका, उपखंड व् जिला प्रशासन ने एस और कोई ध्यान नहीं दिया जिसके कारण समस्या दिनों दिन बढती ही जा रही हैं । पत्र में ये भी लिखा हैं की मलबा हटाने के लिए आये नगर पालिका के कर्मचारियों को डरा-धमका कर उक्त लोगो ने भगा दिया । इस सम्बन्द में मुख्य मंत्री व् राज्यपाल को पत्र लिखने के बाद पीड़िता पक्ष ने अब प्रधान मंत्री व् राष्ट्रपति के समक्ष गुहार लगाई हैं ।
समस्या केवल यही नहीं है. इसके अलावा भी गाँधी बस्ती में रेलवे माल गोदाम के पीछे की तरफ प्रशासन की लापरवाही की वजह से व्यापक इस्तर पर गंदे पानी की गिनानी का निर्माण हो चूका है, और उसने इतना वृहद रूप ले लिया है की गिनानी का पानी उफान मर कर मोहल्ले की गलियों में भरने लगा है. प्रशासन को अनेक बार अवगत करवाने और दौरा हो जाने के बाद भी कोई कारवाही नहीं होने से मजबूरन मोहल्ले वासियों को मिलकर अपने इस्तर पर अपने खर्चे पर मलबा डलवा कर रास्तो से पानी हटाना पड़ता है.. इसी पानी की वजह से पिछले स्सल एक घर की बहरी दिवार तक गिर गयी और पानी घर में घुस गया, लेकिन फिर भी प्रशासन के कण पर जून तक नहीं रेंगी और न ही चुने हुए प्रतिनिधि इस माम्क्ले में कोई रूचि लेते है. सबसे ताज्जुब की बात तो ये है की रेलवे की करोड़ों की जमीन इस गिनानी के चलते दलदल का रूप ले चुकी है पर फिर भी रेलवे मौन है जो अपने आप में एक विचारनीय विषय है.
दुःख की बात ये है ये सारा गन्दा पानी दुसरे वार्ड का है और भुगत रहे है वार्ड नो ४० के वाशिंदे.
kuch dino mai koshish karenge us par likhne ki.
I hope wo din jaldi aye.. Taki Apke Hatho Pure Mohalle Ka Bhala Ho……….