वर्षा योग व मंगल कलश की हुई स्थापना

Yoga

आचार्य विशद् सागर जी महाराज के सुशिष्य मुनि 108 एलाचार्य विबुद्ध सागर जी महाराज का वर्षा योग की स्थापना दिगम्बर जैन मन्दिर में शुक्रवार को की गई। मंगल कलश स्थापना का निर्मल कुमार प्रदीप कुमार जैन ने की। प्रियल बगड़ा, मुस्कान बगड़ा, पलक बगड़ा, महक बकलीवाल व सौम्या गंगवाल द्वारा मंगलाचारण प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। सोहनलाल बगड़ा ने दीप प्रज्जवलन एवं अध्यक्ष विमल पाटनी ने झण्डारोहण व रमेश कुमार कमल कुमार जैन अजमेर ने शास्त्र मुनि श्री का पाद प्रक्षालन झूमरमल पदमचन्छ पाण्ड्या द्वारा किया गया। अतिथियों का स्वागत समाज अध्यक्ष विमल पाटनी, मंत्री पारसमल बगड़ा, नोरतनमल छाबड़ा, सरोज पाण्ड्या, पारसमल सेठी, अशोक कुमार बिनायक्या ने किया।

मुनि श्री के वर्षायोग स्थापना की समस्त क्रियाएं बाल ब्रह्मचारी भैया अनुभव ने सम्पन्न करवाई। इस अवसर पर उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री विबुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि वर्षा योग धर्म साधना करने का योग है। हमें वर्षा योग में संयम से रहना चाहिये तथा सुक्ष्म से सुक्ष्म जीव की विराधना न करते हुए अपने जीवन को पांच पापों से बचाना चाहिये। मुनि संघ कमेटी के संयोजक किशोर पाण्ड्या ने बताया कि इस कार्यक्रम में सीकर, अजमेर, धोद तथा दूदू के अनेक जैन धर्मावलम्बियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन सुनील सड़ूवाला व मैनादेवी पाटनी ने किया।

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