ग्राम बेरासर में श्रीदेव गौसांई जी की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा में अनावरण

Sridev-Gusaniनिकटवर्ती ग्राम बेरासर में श्रीदेव गौसांई महाराज की नव प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जनसैलाब उमड़ा। श्रीदेव गौसांई की मूर्ति की स्थापना वैद्धिक मंत्रोच्चरणों के साथ जाट महासभा प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील, सांसद नरेन्द्र बुढानियां, विधायक मा.भंवरलाल मेघवाल, बीकानेर के जिलाप्रमुख रामेश्वरलाल डूडी, जिपसदस्य पुसाराम गोदारा, बीकानेर कृषि ऊपज मंडी के चैयरमैन सहीराम, भंवरलाल ढाका द्वारा फीता काट कर विधिवत उद्घाटन किया गया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए सांसद नरेन्द्र बुढानियां ने गौसांई जी महाराज के स्थान को पवित्र बताते हुए कहा कि मनुष्य को जीवनप्रर्यन्त ऐसा कार्य करना चाहिए। मनुष्य के जाने के बाद लोग उसे याद करे। त्याग, तपस्या, बलिदान की प्रतिमूर्ति पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के देश के प्रति त्याग करने पर आज लोग उन्हे श्रद्धा से याद करते है । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधायक मा.भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि धर्म व भारतीय संस्कृति हमें भाईचारा, प्रेम स्नेह, गरीब की मदद करना सिखाता है। दया के भाव रखने वाला व्यक्ति हमें महान होता है।

उन्होने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए आने वाला समय बेटियों का बताते हुए उन्हे उच्च शिक्षा दिलाकर समाज में आगे बढाने का दायित्व सभी का है। जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने सामाजिक कुरीतियों को त्याग कर समाज के उत्थान पर बल दिया। उन्होने नशामुक्ति, दहेज प्रथा मृत्यु भोज पर अंकुश लगाने की अपील की। बीकानेर जिला प्रमुख रामेश्वर डूडी ने मंदिर का निर्माण अच्छे सोच का प्रतिक है धन, दौलत व आर्थिक युग में सच्ची श्रद्धा से मंदिर का भव्य निर्माण करवाना अपने आप में धार्मिकता प्रदर्शित करता है। श्रद्धा व विश्वास धर्म का प्रतीक है। पुसाराम गोदारा ने कहा कि धन सभी के पास होता है लेकिन धन का सदुपयोग व परोपकारी सेवा में लगाना बड़ी बात है।

गांव वालों के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण होना भगवान के प्रति श्रद्धा व विश्वास का प्रतिक है। इस अवसर पर सोहन लोमरोड़, प्रहलाद नाई, ओमप्रकाश गोदारा, लादूराम सारण, सरपंच रामस्वरूप दुसाद, भंवरलाल जानू, जैसाराम प्रजापत, शिवकरण गोदारा, ज्ञानाराम दुसाद, चुनाराम दुसाद, रामचन्द्र दुसाद, पुरखाराम दुसाद, रामकरण जाखड़, महेश तिवाड़ी, बिशनाराम, ओमप्रकाश सिहाग, संग्राम, कानाराम, खेताराम, बनवारी कुल्हरी, भंवरलाल पांडर, नेमीचंद सहित हजारों महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे।

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